अगर आपका बच्चा भी बैठता है इस पोजिशन में तो हो सकते हैं ये नुकसान

अगर आपका बच्चा भी बैठता है इस पोजिशन में तो हो सकते हैं ये नुकसान

सेहतराग टीम

हमारे जीवन में 3 अवस्थाएं होती हैं, जिनमें पहला बचपन उसके बाद युवा और आखिरी बुढ़ापा होता है। इन तीनों अवस्थाओं में सबसे किफायती और खूबसूरत बचपना होता है। यह अवस्था हमें अधिकतर प्रभावित करती है। वहीं अगर हम इस अवस्था के लोगों पर ध्यान दे तो हमें इनमें कई तरह के बदलाव देखने को मिलता है। उन्हीं सब में एक है बैठने का तरीका। जी हां जैसा आपलोग गौर किये होगें तो छोटे बच्चे अक्सर अपने पैरों को डब्ल्यू आकार में करके बैठते हैं। इसे हम डब्ल्यू सिटिंग भी कहते हैं। इसमें उनके पैरों के बीच नीचे की तरफ आराम से आकार बनाकर वो बैठ जाते हैं। यह देखने में एक प्रभावशाली करतब की तरह लग सकता है, पर कुछ माता-पिता को बच्चे के इसी आकार को लेकर चिंता भी होती है। इनमें से कई माता-पिता स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में सावधानी बरतते हुए बच्चे को डब्ल्यू यानी 'क्राइस-क्रॉस एप्लास' स्थिति में बैठने नहीं देते हैं। आज हम यही जानेंगे कि क्यों बच्चे इस तरह पैर को डब्लू के आकार बना कर ही बैठते हैं और ये उनके के लिए सही है या गलत।

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छोटे बच्चे अक्सर 'W'आकार में क्यों बैठते हैं?

एक कारण यह है कि कुछ बच्चों में पैदा होने के साथ जांघों से जुड़ी एक स्थिति उत्पन्न होती है, जिसे फीमोरल एंटरवर्जन (femoral anteversion)कहते हैं। यह बड़े होने के साथ ही अधिकांश बच्चों के लिए आत्म-सुधार करता है, लेकिन जब तक उनका शरीर नहीं बदलता, तब तक उनके लिए डब्ल्यू में बैठना अधिक स्वाभाविक हो सकता है। उसके अलावा बच्चे अपने अधिक आंतरिक हिप को रोटेटे करते हैं और फिर डब्ल्यू बैठना कभी-कभी अधिक आरामदायक होता है। इस मुद्रा में बैठकर उन्हें हर काम करने में ज्यादा आसानी होती है। ऐसे में जैसे ही वे खुद के बल बैठने लगते हैं याव खेलते-कूदते हैं तो डब्लयू की मुद्रा में बैठ जाते हैं।

इसके साथ ही हमें ये भी समझना होगा कि बच्चे की शरीर की बनावट युवाओं के शरीर से अलग होती है। जब आपके पैर में एक आंतरिक मोड़ होता है, तो यह वास्तव में "क्रिस-क्रॉस एप्लेस" फैशन में बैठने के लिए आरामदायक होता है। डब्ल्यू पोज में बैठने का एक और कारण यह है कि यह एक अधिक स्थिर बैठने की स्थिति है। इससे शरीर को घुमाने में अधिक आसानी होती है। बच्चे आसानी से एक चीज से दूसरे तक पहुंच सकते हैं और चीजों को आसानी से पकड़ सकते हैं।

किस उम्र में बच्चे डब्ल्यू मुद्रा में ज्यादा बैठते हैं?

आमतौर पर 4 से 6 वर्ष की उम्र के बीच बच्चा इस मुद्रा में ज्यादा बैठता है। लेकिन आप इसे छोटे और बड़े बच्चों के साथ भी देखेंगे। इस जांघ की आंतरिक रोटेशन की आसानी के कारण बच्चे 8 वर्ष की आयु तक ऐसे बैठते हैं और फिर धीरे-धीरे इस आकार में बैठना कम होने लगता है। 

'डब्ल्यू' के ही आकार में बैठना कोई चिंता की बात है?

बिल्कुल नहीं, अगर आपका बच्चा इस मुद्रा में बैठता है, तो कोई चिंता की बात नहीं है। इससे उनके पैरों के आकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता है बल्कि वे अपनी स्वाभाविक शारीरिक रचना में बैठे हुए हैं।अगर आपका बच्चा डब्ल्यू की स्थिति में बैठना चाहता है, तो इसका मतलब है कि उसके जोड़ों, मांसपेशियों या घुटनों पर अत्यधिक तनाव नहीं है क्योंकि बच्चे जानते हैं कि उनके शरीर में दर्द से कैसे बचा जाए। दरअसल उन्हें इस मुद्रा में आराम मिल रहा है इसलिए ये ऐसे बैठे हैं।

ध्यान देने वाली बात कब है?

अगर डब्ल्यू सिटिंग के अलावा, आप देखते हैं कि आपका बच्चा लंगड़ापन विकसित कर रहा है या उनके निचले छोरों में कमजोरी है, तो ये चिंता की बात हो सकती है। इसके अलावा पैर की अंगुली के साथ भी अगर आप कुछ बदलाव दिखने तो बच्चे को ऐसे बैठने से रोकें। वहीं ऐसे में जब चलना या दौड़ने में उन्हें परेशानी हो, तो इस पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि ये हिप डिस्प्लाशिया के लक्षण हो सकते हैं। कभी-कभी ये जांघ की अत्यधिक मोड़ से जुड़ा होता है और कूल्हे सामान्य रूप से विकसित नहीं हो रहे हैं तो आपको बच्चे का एक्स-रे करवाने की जरूरत पड़ सकती है।

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